सुनो द्राैपदी ! शस्त्र उठालो अब गोविंद ना आएंगे...
- पुष्यमित्र उपाध्याय
सुनो द्राैपदी ! शस्त्र उठालो अब गोविंद ना आएंगे...
छोड़ो मेहंदी खड्ग संभालो
खुद ही अपना चीर बचा लो
द्यूत बिछाए बैठे शकुनि,
...मस्तक सब बिक जाएंगे
सुनो द्राैपदी ! शस्त्र उठालो अब गोविंद ना आएंगे...
कैसी रक्षा मांग रही हो दुःशासन दरबारों से
स्वयं जो लज्जाहीन पड़े हैं
वे क्या लाज बचाएंगे
सुनो द्राैपदी ! शस्त्र उठालो अब गोविंद ना आएंगे...
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